gwalior me ghumne ki jagah | best places to visit in Gwalior

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gwalior me ghumne ki jagah > ग्वालियर मध्य प्रदेश का चौथा सबसे बड़ा शहर है और यह उत्तर प्रदेश के आगरा के नजदीक स्थित है। जनसंख्या के मामले में यह भोपाल, इंदौर, और उज्जैन के बाद आता है। ग्वालियर राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया का संबंध है, जो राजशाही परिवार से आते हैं और यहां से चुनाव लड़ते हैं। सिंधिया परिवार का ग्वालियर में लंबे समय से शासन रहा है, जो इसे और भी प्रसिद्ध बनाता है।

इसके अलावा, ग्वालियर अन्य कारणों से भी जाना जाता है, जैसे कि महान संगीतकार तानसेन, जिनका मकबरा यहां स्थित है। तानसेन, अकबर के नौ रत्नों में से एक थे। साथ ही, हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का भी ग्वालियर से संबंध है, जो इसे खेल जगत में भी पहचान दिलाता है।

1. ग्वालियर का किला (Gwalior Fort) – ग्वालियर में घूमने की जगह

ग्वालियर का किला मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित एक विशाल किला है, जो ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है, जिससे पूरे ग्वालियर शहर का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस किले का निर्माण 6वीं शताब्दी में राजपूत योद्धा सूरज सेन ने किया था। इसका नाम एक संत के नाम पर रखा गया है।

इतिहासकारों के अनुसार, राजा सूरज सेन को एक चर्म रोग हो गया था, जिससे वह ठीक नहीं हो पा रहे थे। तब एक संत ने उन्हें सूरजकुंड में स्नान करने की सलाह दी, जिससे राजा पूरी तरह ठीक हो गए। इस घटना के बाद, किले का नाम उस संत के सम्मान में रखा गया।

किले में विभिन्न राजाओं के शासनकाल के निशान भी देखने को मिलते हैं। यदि आप इस किले को घूमना चाहते हैं, तो सुबह 7:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक जा सकते हैं। यहां घूमने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए टिकट की कीमत ₹70 है, जबकि विदेशियों के लिए ₹250 का टिकट है। यह किला आपको बेहद पसंद आएगा, क्योंकि इसे भारत के सबसे बड़े किलों में से एक माना जाता है।

2. तानसेन मकबरा (Tansen Makbara) – gwalior me ghumne ki jagah

दोस्तों, अगर आपने अकबर के बारे में सुना है, तो तानसेन का नाम भी जरूर सुना होगा। अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक तानसेन भी थे। इतिहासकारों के अनुसार, तानसेन की मृत्यु ग्वालियर में हुई थी, और इसी वजह से राजा अकबर ने ग्वालियर में उनका मकबरा बनवाया। तानसेन के पास संगीत की अद्भुत कला थी, जिससे वे अपने सुरों से किसी को भी मोहित कर सकते थे। उनकी संगीत की निपुणता इतनी थी कि कहा जाता है, वे अपने स्वर से बारिश भी ला सकते थे। तानसेन को संगीत के आचार्य और संगीत का जादूगर कहा जाता है।

अगर आप तानसेन का मकबरा देखने जाना चाहते हैं, तो आप सुबह 8:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक जा सकते हैं। यहां घूमने के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट प्लेस है, जिसे आपको जरूर देखना चाहिए।

3. गुजरी महल (Gujari Mahal) – gwalior mein ghumne ki jagah

गुजरी महल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस है, जिसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राजा मानसिंह ने अपनी पत्नी के लिए कराया था। अब इस महल को एक संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहां हिंदू और जैन धर्म से संबंधित कई पुरातात्विक वस्तुएं देखने को मिलती हैं। अगर आप आगरा जा रहे हैं, तो गुजरी महल जरूर देखने जाना चाहिए।

महल का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक है, और यह शुक्रवार को बंद रहता है। भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश टिकट ₹10 का है, जबकि विदेशी पर्यटकों को अलग से शुल्क देना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है, और अगर आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं, तो इसके लिए अलग से शुल्क लिया जाता है।

4. मोती महल (Moti Mahal) – gwalior m ghumne ki jagah

मोती महल, ग्वालियर के भीतर स्थित एक बहुत ही विशाल और खूबसूरत महल है। इसका निर्माण महाराज जीवाजी राव सिंधिया द्वारा किया गया था। पहले के समय में इस महल का उपयोग सभा कक्ष के रूप में किया जाता था। महल के अंदर भगवान कृष्ण और राधा जी के सुंदर चित्र भी देखने को मिलते हैं, जो इसकी आकर्षण बढ़ाते हैं।

मोती महल में घूमने के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लगता है। इसे देखने के लिए आप सुबह 8:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक जा सकते हैं। यह महल पुराने समय की अद्भुत वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और इसे जरूर देखना चाहिए।

5. जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace) – gwalior mai ghumne ki jagah

जय विलास पैलेस का निर्माण 1874 में राजा जीवाजी राव सिंधिया द्वारा सम्राट एडवर्ड के स्वागत के लिए कराया गया था। यह तीन मंजिला महल है, जिसमें इटालियन वास्तुकला की अद्भुत झलक देखने को मिलती है। इस महल का एक हिस्सा अभी भी सिंधिया परिवार का निवास स्थान है, जबकि इसका एक हिस्सा म्यूजियम में बदल दिया गया है।

महल के मुख्य हॉल में दुनिया का सबसे बड़ा झूमर देखने को मिलता है, जो इसकी खासियत है। इसके अलावा, महल में शानदार पर्दे, फर्नीचर और ऐतिहासिक वस्त्र भी प्रदर्शित किए गए हैं। यहां पर आपको सिंधिया परिवार की पुरानी गाड़ियां और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं भी देखने को मिलेंगी।

जय विलास पैलेस घूमने का समय सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक है, लेकिन बुधवार को यह बंद रहता है। भारतीय नागरिकों के लिए टिकट का शुल्क ₹100 है, जबकि विदेशी नागरिकों के लिए यह ₹600 है। यदि आप ग्वालियर जाते हैं, तो इस महल को जरूर देखना चाहिए, क्योंकि यह ग्वालियर की ऐतिहासिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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